एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 30 October 2014
ग़र चाँद होते तेरी राह में चांदनी सा बिछ गए होते
ग़र चाँद होते तेरी राह में चांदनी सा बिछ गए होते
ये किस्मत की बात, ख़ुदा ने मुझे सूरज बनाया है
मुकेश इलाहाबादी ------------------------------------
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