दिले दरवाज़ा खोलो तो
तुम भी कुछ बोलो तो
मन हल्का हो जाता है
ग़म आये औ रो लो तो
इतने सादे सादे क्यूँ हो
रंग प्यार के घोलो तो
हवा चले है मतवाली
संग पुरवाई डोलो तो
मुकेश इलाहाबादी ---
तुम भी कुछ बोलो तो
मन हल्का हो जाता है
ग़म आये औ रो लो तो
इतने सादे सादे क्यूँ हो
रंग प्यार के घोलो तो
हवा चले है मतवाली
संग पुरवाई डोलो तो
मुकेश इलाहाबादी ---
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