एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Tuesday, 30 June 2015
तेरी मासूमियत हमें कुछ कहने नहीं देती
तेरी मासूमियत हमें कुछ कहने नहीं देती
वरना, सोच के तो आये थे बातें बहुत हम
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
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