या तो दर्द की दवा दे
वरना ज़हर ही ला दे
मुझे नींद आ जाएगी
कोई तो लोरी सुना दे
बादल हो बरस जाओ
थोड़ी तो प्यास बुझा दे
या ख़ुदा अब तो मुझे
मेरे प्यार से मिला दे
रोज़ -२ याद आऊं मै
इससे बेहतर भुला दे
किताबे ज़ीस्त से ही
तू मेरा नाम मिटा दे
आज बहुत रोया हूँ मै
मुकेश तू आके हंसा दे
मुकेश इलाहाबादी ---
वरना ज़हर ही ला दे
मुझे नींद आ जाएगी
कोई तो लोरी सुना दे
बादल हो बरस जाओ
थोड़ी तो प्यास बुझा दे
या ख़ुदा अब तो मुझे
मेरे प्यार से मिला दे
रोज़ -२ याद आऊं मै
इससे बेहतर भुला दे
किताबे ज़ीस्त से ही
तू मेरा नाम मिटा दे
आज बहुत रोया हूँ मै
मुकेश तू आके हंसा दे
मुकेश इलाहाबादी ---
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