एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Thursday, 17 March 2016
काश ! चाय की प्याली में
काश !
चाय की प्याली में घोल के पी जाता,
तुम्हारी हँसी और हो जाता ताज़ा दम !
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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