Pages

Monday, 23 May 2016

बियाबाँयह जंगल है खो जाओगे

बियाबाँयह  जंगल है खो जाओगे
मुझसे मिलोगे तो मेरे हो जाओगे
मेरी कहानी क्या करोगे सुनकर?
बेवजह तुम भी दुखी हो जाओगे !
मुकेश इलाहाबादी ---------------

No comments:

Post a Comment