इतने
दिनों बाद
मिले हो !
हंस रहे हो
चहक रहे हो
अच्छा लगा
और हाँ ,,,,
मैंने भी
बेहद
उदास दिन
और
तमाम
स्याह रातें
काट डाली
तुम्हारे बिन,
तुमने
यह भी नहीं पुछा
'तुम कैसे हो ???"
'तुम कैसे रहे मेरे बिन ???'
खैर, कोई बात नहीं
तुम तो अच्छी हो न ?
सुमी !!
मुकेश इलाहाबादी -------
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