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Friday, 11 November 2016

तसल्ली कुछ इस तरह कर लेता हूँ

तसल्ली कुछ इस तरह कर लेता हूँ
तू नहीं तो तेरी तस्वीर देख लेता हूँ

अक्सर जब भी दिल उदास होता है
मुकेश, तुम्हारी ग़ज़लें सुन लेता हूँ

मुकेश इलाहाबादी ----------------

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