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Friday, 11 November 2016

साँवली रात चाँदनी- चाँदनी हो जाती है



साँवली रात चाँदनी- चाँदनी हो जाती है
तुमसे मिल के शब रातरानी हो जाती है

तुझमे कुछ तो अलग है वर्ना यूँ ही नहीं
तुझे देख के दुनिया दीवानी हो जाती है

ग़र ईश्क़ में बेचैनी नहीं जुनून नहीं तो
बातें मुहब्बत की जिस्मानी  हो जाती है

मुकेश इलाहाबादी ----------------------- 

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