सुखः दुःख बतियाओगे कब
मुझसे मिलने आओगे कब
है, सावन की पहली बारिश,
हाथ पकड़ कर भीगोगे कब
झूठ- मूठ की बातों को ले के
फिर तुम मुझसे रूठोगे कब
दिल के कोरे काग़ज़ पे तुम
ईश्क़ की बात लिखोगे कब
मैंने तो कह दी अपनी बात
तुम अपने लब खोलोगे कब
मुकेश इलाहाबादी -----------
मुझसे मिलने आओगे कब
है, सावन की पहली बारिश,
हाथ पकड़ कर भीगोगे कब
झूठ- मूठ की बातों को ले के
फिर तुम मुझसे रूठोगे कब
दिल के कोरे काग़ज़ पे तुम
ईश्क़ की बात लिखोगे कब
मैंने तो कह दी अपनी बात
तुम अपने लब खोलोगे कब
मुकेश इलाहाबादी -----------
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