होगी सुबह होते होते
कटेगी रात रोते रोते
निशाने इश्क़ जाएँगे
आँसुओं से धोते धोते
बेतरह थक गया हूँ
तेरी यादें ढोते - ढोते
तमाम उम्र काट दी
बिस्तर पे सोते सोते
मुश्किल से मिला है
मेरा चाँद खोते खोते
मुकेश इलाहाबादी ----
कटेगी रात रोते रोते
निशाने इश्क़ जाएँगे
आँसुओं से धोते धोते
बेतरह थक गया हूँ
तेरी यादें ढोते - ढोते
तमाम उम्र काट दी
बिस्तर पे सोते सोते
मुश्किल से मिला है
मेरा चाँद खोते खोते
मुकेश इलाहाबादी ----
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