एक और सूरज ऊगा देंगे लोग
बहते हुए दरिया सुखा देंगे लोग
कारखाने और दुकान बनाने को
सतपुड़ा, हिमालय ढहा देंगे लोग
शह्र बसाने है तरक्की पसंदो को
खेत और जंगल मिटा देंगे लोग
धरती का आँचल धानी नहीं पीला
आसमान को सुर्ख बना देंगे लोग
स्वार्थ इस क़दर होता जायेगा तो
ज़मी से इंसानियत मिटा देंगे लोग
मुकेश इलाहाबादी -------------
बहते हुए दरिया सुखा देंगे लोग
कारखाने और दुकान बनाने को
सतपुड़ा, हिमालय ढहा देंगे लोग
शह्र बसाने है तरक्की पसंदो को
खेत और जंगल मिटा देंगे लोग
धरती का आँचल धानी नहीं पीला
आसमान को सुर्ख बना देंगे लोग
स्वार्थ इस क़दर होता जायेगा तो
ज़मी से इंसानियत मिटा देंगे लोग
मुकेश इलाहाबादी -------------
No comments:
Post a Comment