एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Friday, 26 May 2017
तुम्हे क्या मालूम ?
तुम्हे क्या मालूम ?
रिश्तों
के सूखे पत्तों
के अलाव से
काट रहा हूँ
ज़िंदगी की शेष
सर्द रातें
मुकेश इलाहाबादी ----
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment