एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 24 May 2017
ग़र, तू नहीं तो
ग़र,
तू नहीं तो
मेरी
साँसों के आरोह - अवरोह
में कौन प्राण ऊर्जा भरता है ?
मुकेश इलाहाबादी ----------
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