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Saturday, 15 July 2017

एकांत मुझे अच्छा लगता है

एक
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एकांत
मुझे अच्छा लगता है

क्यूंकि,

तुम्हारे बारे में 'मै '
सोच सकता हूँ
तफ्सील से


'मै ' रो सकता हूँ
अपने दुःखो पे
अपने मर्दपन के
अहंकार से अलग हो के

लिख सकता हूँ
तुम्हे प्रेम पत्र
बिना डर के

एकांत
मुझे अच्छा लगता है
क्यूँकि तब 'मै '
पूर्ण स्वतंत्र और मौलिक
बिना किसी मुखौटे के

और इस लिए भी कि
तुमसे चैट कर सकता हूँ आराम से

मुकेश इलाहाबादी -----


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