Pages

Thursday, 20 July 2017

माना कि तुम्हारी आँखे सुंदर हैं

माना
कि तुम्हारी आँखे
सुंदर हैं
पर तुम्हारी आँखों से
सुंदर है तुम्हारा 'दिल'

माना
तुम्हारे गाल बहुत
मोहक हैं
गोरे, गुलगुले
और रूई के फाहे से मुलायम
पर तुम्हारी बातें
इससे भी प्यारी हैं

माना कि तुम्हारे बाल
बहुत सुंदर हैं
काले , घुंघराले और प्यारे
पर तुम्हारे विचार और व्यवहार
इससे भी अच्छे हैं

मै ये मानता हूँ
तुम बहुत सुंदर हो
पर तुमसे भी
सुंदर और प्यारा है 'प्रेम'
व 'अपनापन'
जो तुमने दिया है मुझे

इस लिए 'मै' तुम्हे
तुम्हारे प्रेम से कम सुंदर कहूंगा

मुकेश इलाहाबादी ---------------

No comments:

Post a Comment