एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 2 September 2017
इक सांस भी ऐसी नहीं जाती,
इक सांस भी ऐसी नहीं जाती,
जब याद तुम्हारी नहीं आती
बसंत गया,सावन चला गया
मुंडेर पे कोयल भी नहीं आती
मुकेश इलाहाबादी -----------
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