जी
चाहता है
तुम्हारे गालों के डिम्पल पे
आहिस्ता से रख दूँ
अपनी तर्जनी उंगली
और महसूस करूँ
गुलाब से भी गुलाबी
रेशम से भी मुलायम
इस छोटे से
क्यूट से गड्ढे को
जिसके आगे सारी क़ायनात भी फीकी हैं
चाहता है
तुम्हारे गालों के डिम्पल पे
आहिस्ता से रख दूँ
अपनी तर्जनी उंगली
और महसूस करूँ
गुलाब से भी गुलाबी
रेशम से भी मुलायम
इस छोटे से
क्यूट से गड्ढे को
जिसके आगे सारी क़ायनात भी फीकी हैं
ओ !
प्यारे गालों
और उसपे खूबसूरत डिम्पल वाली
भोली लड़की
कभी कभी तो मेरा जी चाहता है
तुम्हारे गालों के इस डिम्पल के
इस छोटे से गड्ढे में डूब जाऊँ
जैसे नाव डूब जाती है
नदी की भंवर में
प्यारे गालों
और उसपे खूबसूरत डिम्पल वाली
भोली लड़की
कभी कभी तो मेरा जी चाहता है
तुम्हारे गालों के इस डिम्पल के
इस छोटे से गड्ढे में डूब जाऊँ
जैसे नाव डूब जाती है
नदी की भंवर में
ओ मेरी प्यारी सुमी
ओ मेरी प्यारी डिंपल वाली भोली लड़की
सुन रही हो न ???
ओ मेरी प्यारी डिंपल वाली भोली लड़की
सुन रही हो न ???
मुकेश इलाहाबादी -------------
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