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Tuesday, 14 July 2020

मै तेरा नाम लिखता हूँ हथेली पे

मै तेरा नाम लिखता हूँ हथेली पे
अपने होंठ रख लेता हूँ हथेली पे

इक दिन बोसा लिया था तुमने
वही खुशबू सूंघता हूँ हथेली पे

अक्सर नजूमी पास जाता हूँ मै
क्या लिखा है पूछता हूँ हथेली पे

तुम्हारे रुखसार की वो गर्माहट
मै फिर -फिर ढूंढता हूँ हथेली पे

मुक्कू तंहाई उदासी और बेबसी
यही दौलत देखता हूँ हथेली पे

मुकेश इलाहाबादी -------------

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