अँधेरे का मुँह और काला हो जाता है
तू हंस देती है तो उजाला हो जाता है
बेवज़ह लोग अंगूरी की बात करते हैं
तू शर्बत भी छूतो ले हाला हो जाता है
हो कोई भी मुल्ला पंडित शेख फरीद
जो तुझको देखे मतवाला हो जाता है
बड़ी बात कहे न मुक्कू तेरे आने से
मन मंदिर दिल शिवाला हो जाता है
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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