हो
सकता है
कुछ लोगों के लिए
मित्रता,
तफरीहन एक माऊस क्लिक से
शुरू हो के
मैसेंजर से होते हुए
कुछ
फ़ोन कॉल्स / वीडियो कॉल्स
या बहुत से बहुत एक दो मुलाकात के बाद
फकत एक माउस क्लिक पे
ख़त्म हो जाने का सफर भर हो
पर - मेरे लिए
मित्रता करना
एक खूबसूरत कविता का सृजन करना है
जिसमे एक एक शब्दों का चुनाव
सजींदगी से करना होता है
बेहद खूबसूरत और
खुशबू से लबरेज भावों को पिरोना होता है
और ,,,, हो भी क्यूँ न
क्यूँ की कविता
दो चार दिन की नहीं
सदियों - सदियों का दस्तावेज होती हैं
मेरे लिए
मित्रता एक वचन
एक विश्वास होता
और पूजा होती है
लिहाजा,
मित्रता - एक माउस क्लिक पे शुरू
और एक माउस क्लीक पे खत्म होने वाली
चीज़ तो कतई नहीं है
मुकेश इलाहाबादी ------------------------
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