एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Friday, 27 April 2012
ये शोखी - ये शरारत - ये अजब मस्ती
बैठे ठाले की तरंग ------------------------
ये शोखी - ये शरारत - ये अजब मस्ती
खुदा भी बहक जाए फिर हम तो बन्दे हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------------
1 comment:
Anonymous
28 April 2012 at 01:17
waaah ...waah...kya baat hai..
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waaah ...waah...kya baat hai..
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