जब आपने अंगडाइयां ली होंगी
जब आपने अंगडाइयां ली होंगी
फिर बिजलियाँ गिर गयी होंगी
गुलशन में आप गए होंगे, तब
फूल से तितलियाँ उड़ गयी होंगी
जिस जिस तरफ आप गए होंगे
बंद खिड़कियाँ खुल गयी होंगी
आपकी इस मुस्कराहट पे जनाब
स्वर्ण रश्मियाँ बिखर गयी होंगी
सुना है आप बेनकाब आये थे
लाखों जवानियाँ लुट गयी होंगी
मुकेश इलाहाबादी ----------------
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