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Tuesday, 15 May 2012

मौसम ने अपना मिजाज़ बदला

बैठे ठाले की तरंग ----------

मौसम ने अपना मिजाज़ बदला
इंसानों ने अपना लिबास बदला

बादलों की ओट से झांकता है चाँद
महताब ने अपना हिजाब बदला

मुहब्बत तो मर मिटने का नाम है
तुमसे मिलके अपना ख्याल बदला

लो आज से फिर बढ़ गयी महंगाई,
फिर मेरे घर का सारा हिसाब बदला

मुकेश इलाहाबादी --------------------

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