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Thursday, 14 June 2012

दिल हमारा जिनपे आसना हुआ


बैठे ठाले की तरंग ----------------

दिल  हमारा जिनपे आसना  हुआ
उनसे कभी न आमना सामना हुआ

चिलमन से ही हम उन्हे देखा किये
ख़तोकिताबत का ही दोस्ताना हुआ

अब तो चेहरे के नुकूष भी याद नही
कि उनको दखे हुए इक जमाना हुआ

ऐ मुकेष राहे ज़िंदगी मे थी बड़ी तपिश
साथ चले वे तो सफर कुछ सुहाना हुआ

मुकेश इलाहाबादी ----------------------



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