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Wednesday, 20 June 2012

हथेली पे जान रखना


बैठे ठाले की तरंग --------------

हथेली पे जान रखना
बातों की शान रखना
पैरों की छाप से अपने
पत्थर पे नीशान रखना 
सियासत ही करना है तो
अपने हाथो कमान रखना
इतने भोले मत बनो तुम
अपने मुह में जबान रखना
हवन ही यदि कर रहे हो तो
दामन न जले ध्यान रखना
मुंसिफ बिक चुका है, मुकेश
ज़रा सम्हाल के बयान रखना
मुकेश इलाहाबादी -----------

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