नका़ब के भीतर चेहरा देखा
चेहरे के उपर चेहरा देखा
मासूम बच्चों की मुस्कानो मे
कितना उजला चेहरा देखा,
मुददतों बाद आइना देखा,
शिकन से भरा चेहरा देखा
मुखौटा उतार के हमने देखा
सबका भददा चेहरा देखा
दिन मे जिसको हंसता देखा
उसका रात मे रोता चेहरा देखा
अपने अंदरा जा के देखा
स्वार्थ से लिपटा चेहरा देखा
मुकेश इलाहाबादी ----------
चेहरे के उपर चेहरा देखा
मासूम बच्चों की मुस्कानो मे
कितना उजला चेहरा देखा,
मुददतों बाद आइना देखा,
शिकन से भरा चेहरा देखा
मुखौटा उतार के हमने देखा
सबका भददा चेहरा देखा
दिन मे जिसको हंसता देखा
उसका रात मे रोता चेहरा देखा
अपने अंदरा जा के देखा
स्वार्थ से लिपटा चेहरा देखा
मुकेश इलाहाबादी ----------
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