एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 10 October 2012
दोस्त ! दर्द किसके जिगर में निहां नहीं है ?
दोस्त ! दर्द किसके जिगर में निहां नहीं है ?
कोई बयाँ कर देता है, कोई कहता नहीं है !!
ये अलग बात हमने कभी पलट वार न किया
वरना अपने कानो से क्या क्या सुना नहीं है ?
मुकेश इलाहाबादी ----------------------------
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