एक बोर आदमी का रोजनामचा
Pages
Home
Wednesday, 10 October 2012
खोलते नहीं हैं वे आँख इस ख्याल से
खोलते नहीं हैं वे आँख इस ख्याल से
टूटे न तस्वीरे यार की जो दिल में बसाए रक्खे हैं
मुकेश इलाहाबादी ---------------------------------
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment