एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 5 December 2012
एक तो तुम,
एक तो तुम,
पहले से ही प्यारे हो
फिर इतना सज संवर के आते हो,
हमने की है क्या ऐसी खता ?????
जो इतना ज़ुल्म किये जाते हो
मुकेश इलाहाबादी ------------------
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