एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 2 March 2013
ग़र तुम मेरे दर्द की दवा बन जाओ तो
ग़र तुम मेरे दर्द की दवा बन जाओ तो
दर्द को हम अपना हमसाया बना लेंगे
मुकेश इलाहाबादी -----------------------
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