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Saturday, 9 March 2013

सिर्फ चिड़ियों की चहचाहट सुनाई देती है



सिर्फ चिड़ियों की चहचाहट सुनाई देती है
या  हवाओं   की सरसराहट सुनाई देती है

मौत सी ठंडी  खामोशी फ़ैली है  चहुँ ऑर
फिजा  मे  अजब सुगबुहट सुनाई देती है

बह रहा था खामोश दरिया अपनी ही रौ मे
फेंका  है  पत्थर  बुदबुदाहट  सुनाई देती है

हंसता खेलता शहर याक ब यक चुप हो गया 
दहशत इतनी कि सनसनाहट सुनाई देती है

अब  उसे  किसी  की बात तसल्ली नहीं देती
मुकेश की बातों मे छटपटाहट सुनाई देती है

मुकेश इलाहाबादी -------------------------

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