एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Wednesday, 3 April 2013
जो तुम उदास होती हो तो ज़माना रो पड़ता है
जो तुम उदास होती हो तो ज़माना परीशां होता है
हम रोते भी हैं तो लोग मुस्कुरा के गुज़र जाते हैं
मुकेश इलाहाबादी -------------------------------
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