Pages

Monday, 1 July 2013

मेरे सर्द जिस्म की हरारत बताती है

मेरे सर्द जिस्म की हरारत बताती है
तेरी रूह की सेंक इधर तक आती है
मुकेश इलाहाबादी ----------------------

No comments:

Post a Comment