अपना किरदार बदल दूं क्या ?
इश्क ऐ व्यापार बदल दूं क्या ?
तू इजहारे मुहब्ब्त करती नही
अपना घर बार बदल दूं क्या ?
अपनी बाहों की माला बना के
ये नौलखा हार बदल दूं क्या ?
तुझे खुश करने रखने की खातिर
बात और व्यवहार बदल दूं क्या ?
लोग होली दिवाली भी खुश नही
मुकेश सारे त्यौहार बदल दूं क्या ?
तुझे खुष करने रखने की खातिर
बात और व्यवहार बदल दूं क्या ?
मुकेश इलाहाबादी ...............
इश्क ऐ व्यापार बदल दूं क्या ?
तू इजहारे मुहब्ब्त करती नही
अपना घर बार बदल दूं क्या ?
अपनी बाहों की माला बना के
ये नौलखा हार बदल दूं क्या ?
तुझे खुश करने रखने की खातिर
बात और व्यवहार बदल दूं क्या ?
लोग होली दिवाली भी खुश नही
मुकेश सारे त्यौहार बदल दूं क्या ?
तुझे खुष करने रखने की खातिर
बात और व्यवहार बदल दूं क्या ?
मुकेश इलाहाबादी ...............
अपनी बाहों की माला बना के
ReplyDeleteये नौलखा हार बदल दूं क्या ?
तुझे खुश करने रखने की खातिर
बात और व्यवहार बदल दूं क्या ?
बहुत बढ़िया आदरणीय .. बधाई !