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Monday, 22 July 2013

जज्बा औ हौसला बनाये रखिये

जज्बा औ हौसला बनाये रखिये
दरिया ऐ मुहब्बत बहाये रखिये

जमाना आज नही तो कल बदलेगा
मशाल ऐ इन्कलाब जलाए रखिये

मानता हूं दौर बहुत कठिन है पर
थोडी तो इन्सानियत बचाऐ रखिए

जब तक सच्चा हमदर्द न मिले तो
ग़म अपना सबसे छुपाये रखिये

पेड़ औ पौधे जमीन के जेवर हैं 
इस मॉ के गहने बचाए रखिये

मुकेश  इलाहाबादी ................

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