अपने महबूब के पहलू मे बैठे हैं
आज मैखाने हम न जायेंगे दोस्तों
कि हम जाम ए लब पी के बैठे हैं
फरिस्ते भी आयें तो कह दो कि,
अभी हम दिलेजॉ को लेके बैठे हैं
गुले गुलशन ले के क्या करेंगे ?
कि खजाना ऐ खुष्बू ले के बैठे हैं
चॉद निकले न निकले उसकी मर्जी
हम तो अपना चॉद ले के बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी .................
No comments:
Post a Comment