एक बोर आदमी का रोजनामचा
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Saturday, 6 July 2013
जिन्दगी के सफे तुम सबके आगे यू खोला न करो
जिन्दगी के सफे तुम सबके आगे यू खोला न करो
किताबे मुहब्बत पढने का सलीका हर किसी का आता नही
मुकेष इलाहाबादी ..............................
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