न ढूंढो तुम मुस्कान चेहरे पे
छपी है दर्दे दास्तान चेहरे पे
नुकीले नुकूश पे तिरछी नजर
है कितने तीरो.कमान चेहरे पे
चोट पे चोट खायी है हमने
गिन लीजिए निशन चेहरे पे
मासूम चेहरे पे उनके छुपा है
हल्का सा हुस्ने गुमान चहरे पे
सफर बहुत तवील था मुकेश
पढ़ लो मेरी थकान चेहरे पे
मुकेश इलाहाबादी ...............
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