आत्मा अमर है
षरीर नष्वर है
संसार कुरुक्षेत्र,
जीवन समर है
कल क्या होगा?
किसको खबर है
ज्ञान ही अमृत,
अज्ञान जहर है
श्रद्धा से देख तू
कण-2 ईष्वर है
मुकेष इलाहाबादी..
षरीर नष्वर है
संसार कुरुक्षेत्र,
जीवन समर है
कल क्या होगा?
किसको खबर है
ज्ञान ही अमृत,
अज्ञान जहर है
श्रद्धा से देख तू
कण-2 ईष्वर है
मुकेष इलाहाबादी..
No comments:
Post a Comment