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Saturday, 31 August 2013

फूल सा खिला कर


फूल सा खिला कर
सब से मिला कर

बड़ों की सेवा कर
आर्षिवाद लिया कर

पूजा पाठ रोजा नमाज
हरदम किया कर

कमाई का थोड़ा हिस्सा
दान भी दिया कर

गरीब दुखी व लाचार
इन सब पेे दया कर

फुरसत मे मुकेष की
गजल तू पढा कर

मुकेष इलाहाबादी ...

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