बचपन से ही दुनियादार हो गए
ग़रीबी में बच्चे समझदार हो गए
खेलने खाने और पढ़ने की उम्र में
छोटे छोटे बच्चे बारोजगार हो गए
मासूमियत को भूल कर ये बच्चे
तमाम बातों के जानकार हो गए
कम्पुटर और मोबाईल के युग मे
खो खो व गुल्ली डंडा बेकार हो गए
इक्कीसवीं सदी में राम की बातें ?
सच कह के हम गुनहगार हो गए
मुकेश इलाहाबादी --------------------
ग़रीबी में बच्चे समझदार हो गए
खेलने खाने और पढ़ने की उम्र में
छोटे छोटे बच्चे बारोजगार हो गए
मासूमियत को भूल कर ये बच्चे
तमाम बातों के जानकार हो गए
कम्पुटर और मोबाईल के युग मे
खो खो व गुल्ली डंडा बेकार हो गए
इक्कीसवीं सदी में राम की बातें ?
सच कह के हम गुनहगार हो गए
मुकेश इलाहाबादी --------------------
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