Pages

Saturday, 1 February 2014

अल्फ़ाज़ों के कुछ फूल खिला कर हम क़ातिल हो गए

अल्फ़ाज़ों के कुछ फूल खिला कर हम क़ातिल हो गए
उन्हें क्या कहेंगे जो दामन में अदाओं के तीर लिए बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------

No comments:

Post a Comment