अल्फ़ाज़ों के कुछ फूल खिला कर हम क़ातिल हो गए
उन्हें क्या कहेंगे जो दामन में अदाओं के तीर लिए बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------
उन्हें क्या कहेंगे जो दामन में अदाओं के तीर लिए बैठे हैं
मुकेश इलाहाबादी -----------------------------------------
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