आज जी भर के देख लेने दो
दिल को तसल्ली कर लेने दो
तेरे पहलू में ज़न्नत होती है
पल दो पल तो ठहर लेने दो
ये धड़कने भी कुछ कह रही हैं
ज़रा इनकी भी तो सुन लेने दो
तू चश्मे हयात लिए फिरती है
खुश्क होठो को तर कर लेने दो
गर सफर ऐ ज़ीस्त में तू नहीं
मुकेश को तन्हा ही रह लेने दो
मुकेश इलाहाबादी ---------------
दिल को तसल्ली कर लेने दो
तेरे पहलू में ज़न्नत होती है
पल दो पल तो ठहर लेने दो
ये धड़कने भी कुछ कह रही हैं
ज़रा इनकी भी तो सुन लेने दो
तू चश्मे हयात लिए फिरती है
खुश्क होठो को तर कर लेने दो
गर सफर ऐ ज़ीस्त में तू नहीं
मुकेश को तन्हा ही रह लेने दो
मुकेश इलाहाबादी ---------------
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