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Monday, 11 August 2014

बस तू ही और तेरे दीदार के आगे - पीछे

          बस तू ही और तेरे दीदार के आगे - पीछे              
          हम कंहा फिरते हैं दो चार के आगे - पीछे

          आसमाँ छू लूँगी इक रोज़ है ये यकीं मुझे
          हौसला है मेरी रफ़्तार के आगे - पीछे

         तेरा इज़हारे मुहब्बत हो यही सोच के मैंने
          फिर रही हूँ तेरे इक़रार के आगे - पीछे

         ज़िंदगी मौत से मिल जाएगी रफ़्ता - रफ़्ता
         तेरा ग़म है तेरी बीमार के आगे - पीछे

         दोस्तों को ही थे मालूम मेरे राज़ सभी
         हाथ किस का है मेरी हार के आगे- पीछे

         हसरतें हो गयी बेताब न जाने कितनी ?
         मेरी पाज़ेब की झंकार के आगे - पीछे

       राज़ को राज़ ही रहने दो बताओ न ख़ुमार
       किस का ग़म है दिले बीमार के आगे - पीछे

      रईसा ख़ुमार --------------------------------

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