Pages

Friday, 15 August 2014

ये चैन की नींद सोन वाले क्या जानेंगे

ये चैन की नींद सोन वाले क्या जानेंगे
हैं फलक मे कितने सितारे क्या जानेंगे

जिसने कभी गम की स्याही नही देखी
होती है काली कितनी रातें क्या जानेंगे

पक्के महल-दूमहले मे रहने वाले लोग
ये टूटी छप्पर की बरसातें क्या जानेंगे

होती हैं जिनके पाँव के नीचे ज़न्नत
ये होते हैं पाँव के छाले क्या जानेंगे

बहता हो चश्मे हयात पहलू मे जिनके
मुकेश होते हैं ग़म के प्याले क्या जानेंगे

मुकेश इलाहाबादी --------------------

No comments:

Post a Comment