दुनिया ने जीने न दिया
प्यार ने मरने न दिया
दरिया में पानी कम था
उसने भी डूबने न दिया
अज़नबियत हावी रही
हया ने बोलने न दिया
रास्ते की दुश्वारियों ने
तुझ तक आने न दिया
फ़लक़ ने तो बुलाया था
कफ़स ने उड़ने न दिया
मुकेश इलाहाबादी ----
प्यार ने मरने न दिया
दरिया में पानी कम था
उसने भी डूबने न दिया
अज़नबियत हावी रही
हया ने बोलने न दिया
रास्ते की दुश्वारियों ने
तुझ तक आने न दिया
फ़लक़ ने तो बुलाया था
कफ़स ने उड़ने न दिया
मुकेश इलाहाबादी ----
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