ह्या का परदा का हटा के देखो
ज़रा पलकें अपनी उठा के देखो
आईना तेरा बन तो जाऊं अगर
तुम नज़रें मुझसे मिला के देखो
रूठ के मुझसे बैठो न तुम ज़रा
शिकवा शिकायत मिटा के देखो
क़ायनात सारी नाच उठेगी,तुम
मेरे सुर से सुर मिला के देखो
मुकेश दो साहिल मिल जाएंगे
प्यार का पल तुम बना के देखो
मुकेश इलाहाबादी --------------
ज़रा पलकें अपनी उठा के देखो
आईना तेरा बन तो जाऊं अगर
तुम नज़रें मुझसे मिला के देखो
रूठ के मुझसे बैठो न तुम ज़रा
शिकवा शिकायत मिटा के देखो
क़ायनात सारी नाच उठेगी,तुम
मेरे सुर से सुर मिला के देखो
मुकेश दो साहिल मिल जाएंगे
प्यार का पल तुम बना के देखो
मुकेश इलाहाबादी --------------
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