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Tuesday, 25 November 2014

तुमको मुझसा न मिला



तुमको मुझसा न मिला
मुझको बावफा न मिला

शबें हिज्र ग़मज़दा रहीं
चॉद चमकता न मिला

बाद मेे तुझको ढूँढा बहुत
तेरा अता - पता न मिला

इबादत मे  ही  कमी थी
मुझे मेरा खुदा न मिला

पूरा मेला घूम आये पर
कोई तुम जैसा न मिला

मुकेश इलाहाबादी .....








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