मै जब भी तेरे घर आउंगा
तमाम तोहफे लेकर आउंगा
अभी हाले मुफलिसी है पर
देखना खूब कमाकर आउंगा
कंगन पायल झुमकी के संग
सतरंगी चूनर लेकर आउंगा
ग़र तुम जमाने से डरती हो
रात चाँदनी बनकर आउंगा
तुम अपनी पलकें बंद रखना
हंसी ख़्वाब बन उतर आउंगा
मुकेश इलाहाबादी .............
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